उत्तम सत्य धर्म
1.यह रूप भी असत्य, यहरंग भी असत्य, यह भोग भी असत्य, यह विलासता के साधन भी असत्य हैं। कुछ भी सत्य नहीं, सब छूटने वाले हैं।
2.यदि सत्य कुछ है तो हमारे भीतर का परम तत्व है बाकि सब असत्य है।
3.सत्य को पहचानो, सत्य पर निष्ठा रखो, सत्य आचरण करो और सत्य की उपलब्धि करो
4. सत्य परम अनुभूति है, सत्य चरम अनुभूति है।
5.सच के बारे में कहा नहीं जा सकता पर अनुभव जरूर किया जा सकता है।
6. सत्य अकथ्य है पर अलभ्य नहीं
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