जीव के पाँच भाव औपशमिक, क्षायिक, क्षायोपशमिक, औदयिक, पारिणामिक

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जैन तत्त्वविद्या | जीव के पाँच भाव औपशमिक, क्षायिक, क्षायोपशमिक, औदयिक, पारिणामिक

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