समय का सही उपयोग कैसे करें?
बहुत से ऐसे लोग हैं जो अपने कार्यों को पूरा करने के लिए दिन भर मेहनत करते हैं परन्तु तब भी उनके कार्य अधूरे रह जाते हैं। और जब उनसे इसके पीछे का कारण पूछा जाता है तो उत्तर मिलता है कि “समय कम मिल पाता है”। वहीँ दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने कार्य पूर्ण करते हैं और सफलता के शिखर पर पहुँचते हैं। अगर ऐसे लोगो से उनकी सफलता का कारण पूछा जाए तो उनका उत्तर होता है कि “कार्यों की प्राथमिकता सुनिश्चित करते हैं”, जिसे कि टाइम मैनेजमेंट कहते हैं।
टाइम मैनेजमेंट क्या है?
अक्सर देखा जाता है की समय का अभाव उनके पास नहीं होता जो लोग व्यस्त होते हैं अपितु समय का अभाव उनके पास होता है जो अस्त-व्यस्त होते हैं । ऐसे कई लोग हैं जिनके पास रत्ती भर काम नहीं है पर फिर भी उन्हें क्षण भर की फुर्सत नहीं है। ऐसे लोगों को कार्य करने का कोई लाभ नहीं मिलता और जीवन भी असंतुलित रहता है। इसलिए कहा गया है कि व्यस्त रहिये मस्त रहिये क्यूंकि अगर अस्त-व्यस्त रहेंगे तो त्रस्त रहेंगे। व्यस्त रहना बुरी बात नहीं बल्कि अच्छी बात है, परन्तु अपने कार्यों को मन लगा कर व्यवस्थित रूप से करना सबसे जरुरी है। और ऐसा करना तब ही संभव है जब हर कार्य को प्राथमिकता के अंतर्गत जोड़ कर किया जाएगा। इससे हर कार्य एक सुनिश्चित समय में हो पाएगा। इसलिए हमें अपनी प्राथमिकताएं सुनिश्चित करनी चाहिए कि हमारी कार्य सूची में क्या है और कितना जरुरी है। क्यूंकि जब तक हम अपनी प्राथमिकताओं को तय नहीं करेंगे तब तक हम टाइम मैनेजमेंट नहीं कर पाएंगे।
टाइम मैनेजमेंट के लाभ-
किसी भी कार्य की महत्ता तब ही होती है जब उसे एक निश्चित समय में प्राथमिकता के अनुरूप किया जाए। इसलिए हमें खुद को और अपने कार्यों को प्राथमिकता के साथ व्यवस्थित करना चाहिए। फलस्वरूप चाहे कितने ही कार्यों से परिपूर्ण दिन हो या फिर अवकाश का दिन हो, हम हर कार्य का आनंद ले पाएंगे और समय भी भरपूर निकाल पाएंगे।
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