धार्मिक नहीं धर्मात्मा बने।
हमारे संत कहते हैं कि – धर्म घण्टे दो घण्टे की प्रक्रिया नहीं है। पूरे जीवन में रूपान्तरण का प्रयोग है। वह प्रयोग करें। धार्मिक होने के साथ-साथ धर्मात्मा भी बने। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा धार्मिक नहीं धर्मात्मा बने।
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