अखबार में खबर थी की एक गाय के पेट से ६० किलो थैली निकाली गई। ऐसे कितने जानवर हमारे फेंके हुए कचरे को खाकर अपना दम तोड़ देते हैं। उनके प्रति हम कैसे संवेदना प्रकट करें? और अब किसी और की जान ऐसे न जाए उसके लिए क्या करें?
आपकी गलती के कारण अनेक पशु अकाल मृत्यु के शिकार हो रहे हैं। आप घर की खाद्य सामग्री को प्लास्टिक की थैली में बाँधकर फेंकते हैं, जिसे गाय जैसे पशु खाते हैं और वो थैलियाँ उनके पेट में जमा हो जाती हैं, साँस नली में फंस जाती है और उसके कारण वे असमय में घुट-घुट करके मर जाती हैं। पोलिथीन पेट में होने से भी वो ज्यादा समय जी नहीं पाते क्योंकि वो फेफड़ों को संक्रमित कर सकती हैं और कदाचित जी रहे है, तो साँस अवरुद्ध होने से मर जाते हैं।
आप सब ये संकल्प लीजिए कि आप में से कोई भी घर का कचरा पोलिथीन में नहीं फेकेंगे, उसे खुले में डालेंगे तो पशु भी अच्छे से खाएँगे और उस खाद्य सामग्री में कोई अखाद्य वस्तु न मिलाएँ। मैंने एक गोशाला में खुद देखा कि एक गाय के पेट से दो कार्टून जिसमें स्टेपलर लगे हुए निकले, कोल्ड ड्रिंक्स के ढक्कन, भारी मात्रा में प्लास्टिक और १०० से १५० ग्राम लोहे की सामग्री बरामद हुई। तो आगे से ध्यान रखिये खाद्य वस्तु अलग से डालें, जो पशु रक्षा में काम आये पशु हत्या में नहीं।
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