आजकल मोबाइल पर उल्टी-सीधी झूठी-सच्ची बातें चलती रहती हैं। आचार्य श्री के बारे में व्हाटस-अप पर कुछ दिन से चल रहा है कि उनका स्वास्थ्य बिगड़ा हुआ है। इसके पहले भी महाराज के बारे में उल्टी-सीधी की आलोचना चलती रहती है। इसमें कितना पाप लगता है? ऐसा करने वाले में कौन सी गति में जायेंगे? आगे कैसे यह सुधरेंगे? इसके बारे में बता दीजियेगा।
यह बात बिल्कुल सही है, अभी मुझे पिछले तीन दिनों से लोगों ने पूछा कि “महाराज! क्या आचार्य श्री का स्वास्थ्य खराब हो गया? क्योंकि मोबाइल पर व्हाट्सएप (whatsapp) के माध्यम से मैसेज आ रहा है कि उनका स्वास्थ्य अनुकूल नहीं है और उनके स्वास्थ्य लाभ की दृष्टि से सभी लोग एक माला फेरें।” मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ, पता किया एक दिन पहले ही उनका केशलोंच हुआ था, तो ऐसी बात नहीं है; यह किसी की शरारत है।
आचार्य श्री के नाम से कोई माला फेरे, जाप करे तो कोई बुराई नहीं, अच्छी बात है। लेकिन समाज में इस तरह का भ्रम फैलाना एक बहुत बड़ा पाप और अपराध है। ऐसे उनके स्वास्थ्य के समाचार को सुनकर कितने लोगों के मन में चिंता और कितने लोगों का मन आहत होता होगा आप इसकी कल्पना कर सकते हैं। ऐसे लोगों को हतोत्साहित करना चाहिए। मैं एक सवाल पूछता हूँ, लोग यह कहते हैं कि व्हाट्सएप के माध्यम से इस तरह के उल्टी-सीधी खबरें आती हैँ, उन खबरों को आगे फैलाते क्यों हो? हम तो कहते हैं, इसका सबसे अच्छा उपाय है, जो भी तुम्हारे पास गलत मैसेज या नकारात्मक समाचार भेजता है, त्वरित उसे अपने अकाउंट से बाहर कर दो, अपने ग्रुप से बाहर कर दो। उसको स्थान ही मत दो, उसको प्रस्तुति मत दो। यह समाज में जहर फैलाने का काम करते हैं।
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