शंका
पहले शिक्षा इतनी नहीं थी इसलिए पत्नियाँ आँख बंद करके पति की सब बातों को मान लेती थीं। आज सब महिलाएँ अच्छे अच्छे पदों पर हैं, पढ़ी-लिखी हैं और हम आज २१वीं सदी में पहुँच गए हैं; लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि पति अभी तक सोलहवीं शताब्दी में ही हैं। कृपया इस पर अपना संबोधन दें?
समाधान
आज के तथाकथित पढ़े लिखों से वे अनपढ़ ज्यादा अच्छे थे, जो सुकून और शांति से जीते थे; आपस में अहंकारों का टकराव (Ego Clash) नहीं होता था। आज रात-दिन आपस में जो तनातनी मचती है, उसमें जीवन का रस क्या है? इसलिए मुझसे पूछो तो इस मामले में मैं थोड़ा दकियानूसी पक्ष का पक्षकार रहूँगा कि इसकी अपेक्षा वो ज्यादा अच्छा है। क्योंकि आज के लोग पढ़े-लिखे अधिक हैं, समझदार कम हैं; पुराने लोग पढ़े-लिखे कम थे पर समझदार ज्यादा होते थे।
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