शंका
हमारे समाज में जो बहू-बेटियाँ हैं उनका सुहाग दशमी का उपवास होता है। अगर उसमें वह गर्भवती हों और किसी का गर्भ का महीना चल रहा हो, तो उन सभी बहू, बेटियों को ऐसे में क्या उपवास करना चाहिए? यदि वे उपवास नहीं करती हैं, तो हमारे बुजुर्ग लोग कहते हैं कि “एक मन्दिर के कलश को तोड़ो या एक उपवास को खंडित करो, बात एक ही है। तो ऐसे में क्या करना चाहिए?
समाधान
मैं आपसे कह रहा हूँ कि आप भी माँ बनी होंगी, हो सकता है आपके साथ भी ऐसा योग बना होगा तो आप ने जब उपवास तब जो काम आपने किया था वही काम आप अपने बहु और बेटियों को बतायें। आज आपका सब कुछ सलामत है, इसी प्रकार उनका भी सब कुछ सलामत ही होगा।
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