शंका
सामान्यतः कहा जाता है कि लड़की को व्रत, नियम शादी से पहले तक लेना चाहिए क्योंकि बाद में उसे ससुराल वालों के हिसाब से चलना पड़ता है। तो शादी के बाद लड़की और ससुराल वालों का क्या कर्तव्य होना चाहिए की उसके व्रत नियम पलते रहें?
समाधान
आजकल सब बातें शादी से पहले ही हो जाती हैं तो यह बात भी कर लेनी चाहिए कि “मेरा interest (रूचि) इसमें है, मेरी रूचि इसमें है, तुम मुझे cooperate (सहयोग) करोगे कि नहीं?” यदि हाँ बोलता है, तो तुम भी हाँ बोलो; नहीं तो किनारा काटो, तो मामला ही खत्म हो जाएगा, कोई गड़बड़ नहीं होगी।
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