शंका
परगत ध्यान तो रोज़ ही लगाते हैं, स्वगत ध्यान कैसे करें?
समाधान
जब तक पर का आलम्बन है तब तक परगत ध्यान है और पर के आलम्बन से हटकर अपने आप में केंद्रित होना स्वगत ध्यान है।
पर मैं आपसे कहता हूँ, परगत ध्यान बुरा नहीं है, पर का ध्यान बुरा है। निज ध्यान, धर्म ध्यान है। अपनी आत्मा की भलाई के बारे में सोचना, अपने जीवन के कल्याण के बारे में सोचना और अपने आप को अशुभ अमंगल से बचाने के लिए चेष्टारत रहना, यह सब एक प्रकार से स्व का ध्यान है। अभी धर्म ध्यान करो, जब भूमिका आगे बढ़ेगी तो स्वगत ध्यान होगा।
Leave a Reply