शंका
बच्चे अपने गाँव व छोटे शहरों को छोड़ कर महानगर चले जाते हैं। बच्चे तो कहते हैं – “यहाँ आ कर रहो”, किन्तु महानगरों में मन्दिर दूर होता है, धार्मिक माहौल भी नहीं रहता है। कई वर्षों तक हम जिस स्थान पर रहते हैं, वह छोड़ के जाने में भी मुश्किल होती है। ऐसे में हम क्या करें?
समाधान
ऐसे में एक काम करो, बच्चे को पाल पोस कर के बड़ा करो, उन्हें अपने पांव पर खड़ा करो और उसके बाद अपने आत्मा के उत्थान का रास्ता पकड़ो। घर भी छोड़ो और बच्चों को भी छोड़ो; गुरु चरणों को पकड़ लो उद्धार हो जायेगा।
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