बच्चों की रात में शादी की ज़िद के आगे कैसे दृढ़ता रखें?
जो गुरुओं का अनुकरण करने वाले है उन्हें अपने बच्चों को इस तरह के संस्कार देना चाहिए कि आपके बच्चे आपके विरोध में कभी जाएँ ही नहीं। इसका सबसे अच्छा उपाय है कि बच्चों को अपने साथ धार्मिक कार्यक्रमों में सहभागी बनाएँ, गुरुओं के सम्पर्क में लाएँ। उन बच्चों को यह पता लगना चाहिए कि ‘मेरे माँ-बाप की स्तर क्या है, वो क्या सोचते हैं, क्या बोलते हैं और उन्होंने क्या प्रतिज्ञा ली है!’ तो ऐसा नहीं होगा। जैसा आपके बच्चे ने आप का मान रखा, औरों के भी बच्चे मान रखें।
मेरे सम्पर्क की एक बात बताता हूँ जब मैंने मध्य प्रदेश में इस अभियान (रात्रि विवाह निषेध) की शुरुआत की थी। मैंने एक बार पाटन, म.प्र., में कहा, “आप तय करो कि हम अपने घर का सम्बन्ध दिन में ही करेंगे।” तो एक सज्जन थे, बज्जी सेठ नाम था उनका, उन्होंने सबसे पहले फॉर्म भर दिया। किसी ने बोला, “अपने बच्चे से तो पूछ लो उसने कहीं रात में शादी कर ली तो?” वह बोले, “मेरा बेटा अगर रात में शादी करेगा तो मैं उस शादी में शामिल नहीं होऊँगा। उसको करना होगा तो कर लेगा।” इतनी दृढ़ता भी चाहिए और ऐसी दृढ़ता से बहुत बड़ा बदलाव घटित होता है।
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