किसी व्यक्ति की बुरी स्मृतियों को कैसे भूलें?
अगर किसी व्यक्ति के साथ अतीत में कोई बुरी घटना घटी हैं और वो बार- बार मानस में उभरती हैं उसे देखने के बाद, तो क्या करूँ?
आप के प्रश्न का आशय कुछ ऐसा ही है। देखिये, ऐसे समय में जब ऐसी बात मन में उभरे तो अपने अंदर कुछ सकारात्मकता लाएँ। मन में ये सोचें कि “चलो वो तो निमित्त मात्र था, जो कुछ हुआ वो मेरे कर्म से हुआ। मेरा कोई बुरा करने वाला संसार में पैदा हुआ ही नहीं। मेरा सबसे बड़ा शत्रु यदि कोई है, तो मेरे भीतर का अशुभ परिणाम और अशुभ कर्म है बाकी सब तो निमित्त हैं, तो वो कर्म का निमित्त बनकर आ गया सो आ गया। उसने मेरा बुरा करने का प्रयास किया पर कर क्या पाया? मैं आज पूरी तरह से अच्छे से खड़ी हूँ, तो क्यों मैं उसे दोषी मानूँ ?”
उसके प्रति मन में क्षमा का भाव लायें। सकारात्मक सोचें, कर्म सिद्धांत पर विश्वास रखें, सहिष्णुता का भाव बढ़ाएँ और क्षमा जैसी भावना मन में लाएँ। इन बातों को भूलने में मदद मिलेगी। साथ ही ये सोचें कि जिन बातों को याद करने से मेरे मन में क्लेश होता है ऐसी बातों को पकड़ने से फायदा क्या? उसे हमें बाहर करना है।
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