शंका
किसी के गलती करने पर डाँटें नहीं
समाधान
सामने वाले ने गलती की, यह उसकी गलती है। और आप उसको ठीक करने के लिए चिल्लायें यह आप की गलती है। गलती को गलती करके ठीक नहीं किया जा सकता। गलती को सही तरीके से ठीक किया जा सकता है। मेरा अनुभव यह बताता है कि चिल्ला चिंखी करने से व्यक्ति के सुधरने की संभावना नगण्य होती है और प्रेम से समझाने से व्यक्ति के सुधार की संभावना ज्यादा होती है। मैं तुमसे पूछता हूँ – तुम्हारी माँ या तुम्हारे पिताजी कभी तुम्हें डाँटते हैं तब ज्यादा अच्छा लगता है या जब तुम्हारी किसी गलती पर तुम्हें अकेले में प्रेम से समझाते हैं तब अच्छा लगता है? कौन सा अच्छा लगता है? प्रेम से। तो जब तुम्हें कोई प्रेम से समझाता हैं और तुम सुधरते हो तो तय कर लों दूसरों को सुधारने के लिए भी हमें प्रेम वाला रास्ता अपनाना चाहिए, गलती वाला नहीं।
Leave a Reply