शंका
तीर्थंकरों का भोजन स्वर्ग से क्यों आता है?
समाधान
तीर्थंकर महान ऊर्जावान पुरुष होते हैं, उनके वस्त्र और आभूषण दोनों को कहते हैं कि वह स्वर्ग से आते हैं क्योंकि उनके शरीर में जो ऊर्जा का बहाव होता है, वह ऊर्जा यहाँ के कपड़े consume नहीं कर पाते और यहाँ का भोजन उनके शरीर को लगेगा ही नहीं। इसलिए उनका भोजन सीधे स्वर्ग से आता है और वह स्वर्ग का भोजन भी उनको ऐसा हज़म हो जाता है कि निहाल नहीं होता, मल-मूत्र नहीं होता। और दीक्षा लेने के बाद वह साधना में लग जाते हैं और अपने भीतर होने वाली सारी ऊर्जा को consume कर लेते हैं, इसलिये दीक्षा लेने के बाद उन्हें इस तरह की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती है।
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