शंका
बच्चों को सल्लेखना का अर्थ कैसे समझायें?
समाधान
किसी व्यक्ति ने तुम्हें दस रुपया दिया, तुमने उसका उपयोग किया। जब माँगने के लिए आए तो उसको सहज लौटा देना, मन में खेद चिंता ना करना ही सल्लेखना है। हमें यह शरीर मिला और शरीर जब इस दुनिया से विदा होने को रहे तो हम समझ लें कि इस शरीर को लौटा देना है।
दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसे कह सकते है कि यदि किसी बच्चे के कपड़े पुराने हो जाएं, जीर्ण क्षीण हो जाएं और जब नए कपड़े लेने की बारी आये तो बच्चा जितने उत्साह के साथ अपने कपड़े को बदलता है वैसे ही इस ऊपर के चोले को बदलने का नाम सल्लेखना है।
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