ध्यान का सर्वप्रथम ध्येय, समर्पण। अपने शरीर के सभी अंगो को ढीला व शांत करें। अपने शरीर को अपने मानसिक निर्देश से शिथिल करें व अपने गुरु व प्रभु का स्मरण करें, धन्यवाद दें। अपने श्वांस और नि:श्वांस में संतुलन बनाएं व बीजाक्षर ॐ के उच्चारण से अपने शरीर, नस, नाड़ियों को ऊर्जावान करें। जल्दी न करें। संतुलन बनाए रखें। श्वासोच्छ्वास करें व अपने शरीर में मष्तिष्क से लेकर नाभि के पैर के नाखून तक उर्जा का प्रवाह महसूस करें व रक्तवाहिनी नलिकाओं को शुद्ध होता महसूस करे। श्वांस और नि:श्वांस के क्रम को धीमी गति से तेज और फिर सामान्य करे। छाती में श्वांस भरें व ओमकार का नाद दें।
इससे आपकी नाड़ी विशुद्ध होगी, भ्रमरंद्र खुलेगा व चित्त की एकाग्रता बढ़ेगी। सम्पूर्ण ब्रह्मांड उर्जा पिंडो से भरा है। इन उर्जा को अपने शरीर में ग्रहण करने के लिए समर्पण से भर जाएं। अत्यंत सहज भावों के साथ आग्रह करें और इन उर्जा के पिंडो को अपने सहसत्रार से शरीर में आता हुआ देखें। धीमी और गहरी श्वांस और नि:श्वांस लेते रहें और अपना सारा ध्यान श्वांसों पर केंद्रित करे। सारा ध्यान केवल अपनी श्वांसों पर रखें। अपने पूरे शरीर में उर्जा का प्रवाह महसूस करें। शरीर को ढीला करें। अपने चारो ओर उर्जा के छोटे छोटे कणों का पूरे शरीर में प्रवेश होता महसूस करें। अनुभव करें इस शक्ति का। अनुभव करें कि ये महान शक्ति मुझ पर बरस रही है। अपने सम्पूर्ण शरीर की समस्त नस नाड़ियों को इस उर्जा की अविरल धारा से भरता हुआ महसूस करे, मानो पूरा शरीर उर्जा का पिंड बन गया हो। अपने आप को उर्जा से अभिभूत होता महसूस करें। सम्पूर्ण अंत:शक्ति को इस उर्जा से भरा महसूस करे। महसूस करे कि सारे ब्रह्मांड की उर्जा अपने शरीर को अभिभूत कर रही है।
प्रसन्नचित्त हो जाएं। करूणा से भर जाएं। धन्यवाद दे इन शक्तियों को, कि तेरी अनंत कृपा जो तूने मुझे इस लायक समझा। अनुभव करे शरीर के एक-एक प्रदेश में ये उर्जा अविरल बह रही है। शरीर की एक- एक नसों को, धमनियों को इस उर्जा से अभिभूत होता महसूस करे। अनुभव करे कि इन उर्जा शक्तियों के अविरल प्रवाह से मष्तिष्क के बीच में ज्ञान की ज्योति प्रज्वलित हो गई है। अनुभव करें कि उर्जा की ये धारा निरंतर प्रवाह कर रही है। ना कोई चिंता, ना कोई विचार। बस अपने ऊपर निरंतर बरसती इस महान शक्ति का प्रवाह महसूस करे। आनंद ले। प्रसन्नता से भर जाए। शांत हो जाए। धीरे धीरे सामान्य हो जाए। धन्यवाद करे अनंत सिद्धों की शक्तियों को।
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