रामायण की व्याख्या जैन धर्म और सनातन धर्म में अलग अलग क्यों है?
राम सत्य है, राम का आचरण सत्य है। लेकिन रामायण? मेरी रामायण अलग, तुम्हारी रामायण अलग, इनकी रामायण अलग, उनकी रामायण अलग। मैंने एक वाक्य कहा, मेरे प्रश्न का उत्तर तुमने सुना तो कहा कि ‘महाराज ने हमारे प्रश्न का जवाब यह दिया था’ और यही इन्होंने सुना तो उसी बात को दोहराया, लेकिन टोन बदल दी तो अर्थ बदल जायेगा।
रामायण क्या है? बुंदेलखंड में एक बहुत छोटी रामायण है-
इक राम हते इक रावन्ना,
इक ठाकुर ते इक बामन्ना।
उननें उनकी नार हरी,
इननें ऊकी नास करी।।
बात हती बस एतन्ना,
तुलसी ने लिख दओ पोथन्ना।
राम हुए, रावण हुए, सीता का हरण हुआ; दोनों के बीच में युद्ध हुआ; यह सत्य है। रावण का अन्त हुआ, यह सत्य है। बीच – बीच में जो बातें हुईं वह सब बाद में, लिखने वालों ने अपने – अपने तरीके से लिखा तो उसमें कुछ परिवर्तन हो सकता है, लेकिन मूल में कोई परिवर्तन नहीं है।
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