शंका
जल के दुरुपयोग से होने वाली असंख्य जीवों की हिंसा से कैसे बचें?
समाधान
इसीलिए कहते हैं, बार-बार पानी का उपयोग मत करो। जितना ज़रूरी है, उतना ही प्रयोग करो। कम से कम में अपना काम चला लो। जितनी प्रवृत्ति है, उतना पाप है! इसलिए पाप से बचना चाहते हो तो प्रवृत्तियों को कम करो और अपनी प्रवृत्तियों में यथासम्भव यत्नाचार अपनाओ।
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