प्राचीन मन्दिर में चोरी हुई मूर्तियों के स्थान पर नयी मूर्ति रख सकते हैं?
निश्चित रूप से पुरुलिया जैनपुरा वैभव का बहुत बड़ा केंद्र व गढ़ रहा है। मैंने भी पुरुलिया के कुछ स्थलों का भ्रमण किया हैं। अगर प्रतिमाएँ चोरी हो गयी तो वहाँ नई प्रतिमा जी विराजमान करने का औचित्य तो मुझे कम समझ में आता है क्योंकि मन्दिर का निर्माण, श्री जी की सुरक्षा के लिए ही किया गया था। कोई अन्य प्राचीन प्रतिमा को वहाँ विराजमान करना ज्यादा उत्तम होगा जो वहीं इर्द-गिर्द है, अच्छी संख्या में है और उनके पूजा अभिषेक और सुरक्षा का प्रबन्ध भी करना चाहिए।
इस विषय में पूरे देश भर की जैन समाज को जागरूक होने की आवश्यकता है और उस धरोहर को संभालने की बहुत बड़ी जरूरत है। इसपर आपस में विचार मन्थन करके ही काम करें क्योंकि जिस मन्दिर में पूजा की व्यवस्था नहीं हो सके वहाँ नई प्रतिमा विराजमान करने का औचित्य मुझे समझ में नहीं आता पर मन्दिर को खाली छोड़ना भी मुझे ठीक प्रतीत नहीं होता तो वहाँ कोई प्राचीन प्रतिमा जिन्हें अभी पर्याप्त संरक्षण नहीं मिल रहा है उसे वहाँ विराजमान किया जा सकता है।
Leave a Reply