शंका
जीवन का वास्तविक शृंगार क्या है?
समाधान
जीवन का वास्तविक श्रृंगार रत्नत्रय का हार पहनना है। जीवन को पवित्र बना लेना, जीवन को विशुद्ध बना लेना या दूसरे शब्दों में कहूं तो जीवन को सँवार लेना ही जीवन का श्रृंगार है। आपके लिए कहता हूं –
“जिस्म तो बहुत संवर चुके, रुह का श्रृंगार कीजिए।
फूल तोड़िये न शाख से, खुशबुओं से प्यार कीजिये ।”
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