शंका
पन्थ नहीं पथ को चुनें
समाधान
पंथ सही नहीं है,पथ सही है और हमारे भगवान ने तीर्थंकरों ने हमें पथ दिया हैं,पंथ नहीं |
उनका एक ही पथ हैं वीतरागता और अहिंसा का, तो जिसमें वीतरागता और अहिंसा की पुष्टि होती हो वही हमारा पथ हैं | परिग्रह, आसक्ति और राग को बढ़ाने वाला है, हिंसा का जनक है इसलिए रंच मात्र परिग्रह हमारी आत्मा आराधना में बाधक है वह हमारे पथ को बिगाड़ने वाला है इसलिए हमें किसी भी पंथ के व्याहमोह को छोड़कर अपने विचार और विवेक से काम लेते हुए सोचना चाहिए की किस पथ से मैं अपनी मंजिल तक पहुँच सकूँ |
बस एक ही पथ है, वह है वीतराग पथ, अहिंसा का पथ |
Leave a Reply