शंका
वाचना, प्रक्षा, अनुप्रेक्षा, आम्नाय, धर्मोपदेश का अर्थ!
समाधान
ग्रन्थ को अर्थ सहित पढ़ना, वाचना है। न समझ में आए उसे पूछना, प्रक्षा है। उसे शुद्ध उच्चारण पूर्वक दोहराना, आमनाय कहलाता है और जो पढ़ा हुआ विषय है उसका बार-बार चिंतन करना, अनुप्रेक्षा कहलाती है। पढ़ी हुई बात को दूसरे को सुनाना, धर्मोपदेश कहलाता है।
Leave a Reply