शंका
क्या प्रतिमाधारी का नाम परिवर्तन हो सकता है?
समाधान
जब कोई साधक सल्लेखना के क्षेत्र में आगे बढ़ता है उसे व्रत देते हैं। दीक्षा तो तब तक नहीं देते जब तक वह चर्या करने के योग्य नहीं होता। हमारे गुरूदेव का कहना हैं कि ‘कम से कम एक दिन वह अपने बल पर आहार चर्या में समर्थ हो तभी पिच्छी देना चाहिए।’ दस प्रतिमा तक उसको उस अवस्था में दी जा सकती है जो उस अवस्था में योग्य होता है।
नाम परिवर्तन इसलिए करते हैं ताकि परिवार के लोगों का अब उनसे संपर्क छूट जाए, लगाव हट जाए और उन्हें भी लगे कि “मैंने घर परिवार छोड़ दिया है।” नाम बदलने में कोई बाधा नहीं है अगर व्यक्ति गृह त्यागता है, तो नाम परिवर्तित किया जा सकता है।
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