शंका
चौदह राजु की ऊँचाइयों को छूने का पुरुषार्थ करना चाहिए, जिस के लिए हम बीज इसी भव में डालना चाहते हैं। स्त्री पर्याय को छेदने का बीज भी हम इसी पर्याय में डालना चाहते हैं; इसके लिए हमें क्या पुरूषार्थ करना होगा?
समाधान
जब भी जाना हो तो चौदह राजु नहीं, सात राजु ही जाना होगा। चौदह राजु तो एक इन्द्र ही पार करता है। सात राजु ही जाना है और सात राजु के लिए क्या करना है? बस भगवान के चरणों में समर्पित होना है। देव, शास्त्र, गुरू के चरणों में समर्पित होना है। ज्ञान और चारित्र को अंगीकार करके अपने जीवन को आगे बढ़ाना है। इस पर्याय में स्त्री छेद की बात क्या करूँ, संसार का भी विच्छेद किया जा सकता है। बस अपनी-अपनी भूमिका के अनुसार मोक्ष मार्ग का अनुकरण करो। सम्यक्त्व के साथ देशव्रत को अंगीकार करो निश्चित बेड़ा पार होगा।
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