शंका
मन्दिरों में सामायिक करते समय कोई अप्रिय घटना हो जाये या अपने साथ कुछ घटित हो जाये तब सामायिक जारी रखें या छोड़ दें?
समाधान
आचार्य गुरुदेव जब हम लोगों को समयसार पढ़ा रहे थे तो एक रोज हमने प्रश्न किया, ‘यदि कोई मुनि-महाराज ध्यान में हैं, अपनी सामायिक की साधना में हैं और इसी बीच यदि कोई बच्चा छत से गिर जाये तथा बच्चा रो रहा हो, उस समय महाराज क्या करें? उसको णमोकार सुनाएँ, उसकी सेवा करें या सामायिक में रहें?’ आचार्य गुरुदेव ने बहुत अच्छी बात कही कि ‘यदि मुनि सामायिक में होगा तो उसे पता नहीं लगेगा कि कोई गिरा है और यदि कोई गिरा है और उसे पता है, तो इसका मतलब ये है कि वो सामायिक में नहीं है और जब वह सामायिक में नहीं है, तो सेवा की जा सकती है।’
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