शंका
आत्महत्या और सल्लेखना में क्या अन्तर है?
समाधान
आत्महत्या और सल्लेखना में बहुत बुनियादी अन्तर है और दोनों की मानसिकता में बहुत अन्तर है। आत्महत्या जीवन की किसी भी अवस्था में की जा सकती है और सल्लेखना, मृत्यु के अपरिहार्य होने पर ही ली जाती है। आत्महत्या घोर हताशा और तीव्र मानसिक असन्तुलन की स्थिति में की जाती है लेकिन सल्लेखना जीवन के प्रति परम उत्साह, प्रीति और उमंग के साथ ली जाती है। आत्महत्या, कषाय से प्रेरित होकर की जाती है जबकि सल्लेखना समता पूर्वक धारण की जाती है। इसलिए इन दोनों को कभी एक नहीं समझना चाहिए।
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