अच्छे लोगों पर ही उपसर्ग क्यों आते हैं?

150 150 admin
शंका

अच्छे लोगों पर ही उपसर्ग क्यों आते हैं? अच्छा बनना क्या गुनाह है? क्या अच्छा नहीं बनना चाहिए?

समाधान

अच्छे लोगों पर उपसर्ग इसलिए आते हैं क्योंकि वो सह जाते हैं। बुरे लोगों पर उपसर्ग हों तो वे उपद्रव करते हैं और अच्छे लोगों पर उपसर्ग होगा तो वो सह लेंगे। हमेशा एक बात याद रखना कि कसौटी पर सोने को ही कसा जाता है लोहे को नहीं; परीक्षा सतियों की होती है, वेश्याओं की नहीं; उपसर्ग साधुओं पर आते हैं डाकुओं पर नहीं; सताया धर्मी को जाता है, पापी को नहीं। 

ये तो प्रकृति का नियम है, उपसर्ग आयेंगे ही; और वो उपसर्ग उनके उत्कर्ष का आधार बनता है। भगवान पार्श्वनाथ पर उपसर्ग नहीं हुआ होता तो उनको इतनी जल्दी केवल ज्ञान नहीं हुआ होता। आभार मानो उसे कमठ का, जिसने भगवान पारसनाथ पर उपसर्ग करके जल्दी केवलज्ञानी बना दिया। हम लोगों को उनके तीर्थ का, उनके धर्मोपदेश का और अधिक लम्बे समय तक लाभ मिला। 

ये तो संयोग है उपसर्ग का। अन्तरंग कारण तो कर्म है और ये भी समझो कि कर्म किसी को नहीं छोड़ता है। चाहे वो तीर्थंकर ही क्यों न हो, उसे हमें सहना पड़ता है। इसलिए हम एक बात अपने हृदय में धार लें कि हम किसी पर उपसर्ग न करें और हम पर कोई कितना भी उपसर्ग करे, तो हम बिल्कुल भी विचलित न हों, उसे स्थिरता पूर्वक सहन करने का अभ्यास करें।

Share

Leave a Reply