शंका
तीस चौबीसी का क्या महत्त्व है?
समाधान
जैन जगत के अनुसार पाँच भरत क्षेत्र हैं और पाँच ऐरावत क्षेत्र हैं। प्रत्येक भरत क्षेत्र में एक वर्तमान की, एक भूत की, एक भविष्य की, इस प्रकार भूत, भविष्य और वर्तमान की तीस हो गई। एक भरत क्षेत्र संबंधी तीन तो पाँच भरत क्षेत्र संबंधी पंद्रह हो गई। इसी तरह पाँच ऐरावत संबंधी पंद्रह तो पंद्रह और पंद्रह मिलाकर चौबीसी की स्थापना वहाँ पर की गई है।
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