क्या माँ कन्यादान कर सकती है?

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शंका

मेरे पति की मृत्यु हो चुकी है। तो क्या मैं अपने हाथों से कन्यादान कर सकती हूँ?

समाधान

कन्यादान एक सामाजिक रीत है और इसमें पिता की प्रमुखता होती है, जहाँ जैसी सामाजिक रीत हो वैसे करें। कन्या का विवाह करना है, कन्यादान अपने हाथों से करेंगी तो समाज इसको पचा नहीं पाती,  पर धार्मिक दृष्टि से कोई निषेध जैसी बात मुझे समझ नहीं आती है। जहाँ जैसी सामाजिक रीत है, आप वैसा करें। 

एक बात मैं और कहना चाहता हूँ कि पति की मृत्यु होने के बाद पत्नी अपने आप को उपेक्षित महसूस न करे। अपने अन्दर हीन भावना न लाए। समाज को भी चाहिए कि ऐसी विधवा स्त्री के प्रति, पति को खो देने वाली स्त्रियों के प्रति गलत विचार या अमंगल का भाव या अपशकुन का भाव न रखें। बल्कि उनके प्रति और आदर रखें क्योंकि वह स्त्री होकर भी दोहरी जिम्मेदारी निभा रही है- माँ की भी और पिता की भी। उसको प्रोत्साहन देना चाहिए। ऐसे कार्यों के लिए स्त्रियाँ आगे आती हैं, तो आगम की बात तो मैं नहीं करता,  लेकिन मेरी विचार धारा के हिसाब से ये सब कार्य अनुकरणीय है और उनको आगे आना चाहिए। यदि आप मेरी व्यक्तिगत विचार धारा बोलते हो तो कन्यादान को पिता या माँ, दोनों कर सकते हैं। माँ उस कन्या को जन्म देने वाली है, नौ माह तक अपने पेट में रखने वाली है वो अपने हाथों से कन्या का दान नहीं करे तो कोई दूसरा करेगा क्या? उसमें कोई विरोध नहीं होना चाहिए और उनको उसमें प्रोत्साहन ही मिलना चाहिए।

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1 comment
  • Yamini February 19, 2023 at 3:41 pm

    Bilkul sahi bat h society ko koi haq nhi bnta h ki wo apke personal matter pe interfere kare
    Jb maa 9 mahine apne bachche ko achche se paal sakti hai pita ke jaane ke bad bhi itne achche se khyal rakh sakti h to kanyadaan Q nhii kar sakti ,…….Har maaa ko kanyadaan karne ka poora haq h chaahe pita ho yaa naa ho…Unko ye haq jarur milna chahiye..

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