शंका
यदि कोई जीवित व्यक्ति तड़प रहा है या तड़प के मर रहा है और हमने उसे बचाने का प्रयास किया। पर हमारे हाथों में उसकी मृत्यु हो गई तो हमें क्या दोष लगेगा?
समाधान
आपने उसे बचाया या मारा? आपने उसे बचाया तो पुण्य लगता है और मारने वाले को पाप लगता है। हमारे हाथों में ही वह मर गया तो? कई बार अच्छाई में भी हत्या हो जाती है। आपका भाव क्या था? एक डॉक्टर ने किसी का ऑपरेशन किया। वह ऑपरेशन फेल हो गया और patient (मरीज) मर गया तो कौन है उसका दोषी? डॉक्टर या मरीज का भाग्य? इसी प्रकार आपने किसी को बचाने का कार्य किया तो इसमें आप दोषी नहीं है उसका योग ही ऐसा था।
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