मधुर जीवन जीने का क्या रहस्य है?
मधुर जीवन जीने का क्या रहस्य है? आपने बहुत अच्छा प्रश्न किया है। ये तो पूरे प्रवचन का विषय है।
जीवन में मधुरता आप लाना चाहते हैं, तो मैं आपसे कुछ बातें कहता हूँ, कि सबसे पहले अपनी वाणी में मिठास घोलिए। ‘जिस के मुँह में मिठास, उसका हर दिल में निवास’ और जिसके मुख में खटास उसका बैरी सारा समाज, कोई पसन्द नहीं करता। मुख के माधुर्य से जीवन में मधुरता आती है। मीठा बोलिए, मुख में मिश्री की डली रखिए। ऐसा बोलिए जो सब को आनंदित करें। सब के भीतर आह्लाद पैदा करें। ऐसा न बोलें कि जिससे सामने वाले के मन को आघात पहुँचता हो। भाषा की मधुरता हो। मीठी वाणी बोलें। व्यंगोक्ति, गर्वोक्ति, कटोक्ति, कटाक्ष पूर्ण उक्ति इस तरह के वचनों का, शब्दों का प्रयोग न करें। ऐसे शब्द कभी न कहें जो किसी को चुभें। ऐसे शब्द बोलें जिससे सामने वाले का मन खिल जाए। एक शब्द है जिसे सुनने से सामने वाले का मन खिलता है और एक शब्द है जिससे चित्त खौल (सन्तप्त) जाता है। इसलिए ऐसा बोलें कि सामने वाला बाग-बाग हो जाये। ऐसा कभी न बोलें कि उसके चित्त में आग लग जाए। आग लगाने का काम नहीं बाग लगाने का काम होना चाहिए। तो वाणी में मधुरता पहली बात।
दूसरी बात आप अपने जीवन में मधुरता लाकर जीना चाहते हैं तो प्रतिक्रियाएँ कम करें। कोई कुछ कहें तो तुरन्त रिएक्ट करने की आदत छोड़ें। हमारे जीवन में असहजता कब आती है? जब हम दूसरों से प्रभावित हो जाते हैं, और रिएक्ट करते जाते हैं तब। सब को नज़रअंदाज़ करें, प्रतिक्रियाएँ कम करें और प्रतिक्रियाओं से प्रभावित न हों। ये दो बातें आपके जीवन से जुड़ेंगी तो आपके जीवन में मधुरता आयेगी। जीवन में सहजता आयेगी।
तीसरी बात अपने अभिमान को ज़्यादा पुष्ट न करें। विनम्रता को अपने जीवन का आदर्श बना कर चलें। यदि आप विनम्रता को अपने जीवन का आदर्श बनाते हैं तो आपके जीवन में मधुरता आयेगी, और यदि अभिमान आपके जीवन में आयेगा तो आपके जीवन में कभी भी मधुरता नहीं आ सकती। अभिमान हमारे जीवन में कठोरता ले आता है।
चौथी बात जो जीवन की मधुरता के लिए बहुत जरूरी है वो ये है कि, अपनी सुबह की शुरुआत प्रसन्नता से करें। प्रसन्नता से करें मतलब? जब सुबह उठो आँख खोलो तो अपने आप को अहो भाव से कहो। आहा! मैं कितना खुश नसीब हूँ कि, मुझे जीवन का एक नया दिन देखने का सौभाग्य मिला है। यदि भाग्य क्षीण होता तो रात को ही ऊपर चले जाता सोए ही रह जाता। लेकिन मैं भाग्यशाली हूँ कि मुझे जीवन का एक नया दिन देखने का सौभाग्य मिला है। अपने आप को खुश नसीब मानो, भाग्यशाली मानो और मन को खूब प्रसन्नता से भरो। मैं आपसे पूछता हूँ कि, जैसे कोई व्यक्ति आपको कोई साधारण सी गिफ्ट (भेंट) देता है, तो आप क्या करते हो? उस समय आपके चेहरे की मुस्कान (स्माइल) कैसी होती है? आपको कोई दो रुपये की गिफ्ट (भेंट) देता है, आप उसको मुस्कुराहट (स्माइल) देते हो। प्रकृति ने तुम्हारे जीवन को इतना बड़ा उपहार दिया उसके प्रति अपनी मुस्कराहट खुशी से अपने आप को भरो। मैं भाग्यशाली हूँ। हे परमात्मा! तुम्हारी वजह से आज मुझे जीवन का एक दिन देखने का सौभाग्य मिला। हे प्रभु! मैं तुम्हारे प्रति कृतज्ञ हूँ। मुझे ऐसी शक्ति देना कि मैं आज के दिन को एक अच्छा दिन बना सकूँ। आपका मन प्रसन्नता से भरेगा।
जीवन में मधुरता लाने के बहुत से उपाय हैं लेकिन मैंने सार में आपको चार बातें बतायी। मुख में मधुरता रखिए, प्रतिक्रियाओं को कम कीजिए, अहंकार को ज़्यादा प्रोत्साहित न करें, और प्रातः की शुरूआत प्रसन्नता के साथ करें। एक बात और। दूसरों के द्वारा यदि हमारे प्रति कुछ गलत हो जाये तो उसे क्षमा करनी की क्षमता अपने भीतर विकसित करें, क्षमाशील बनें। आपके जीवन में कभी कटुता नहीं होगी। आपके भीतर क्षमाशीलता आयेगी तो बैर, विरोध की गाँठ कभी आपके भीतर नहीं बन्ध पायेगी।
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