शंका
अगर कोई शुरू से दीक्षा लेने का भाव बना रहा है, पर भाव बीच में बनते-टूटते रहते हैं, जिसके कारण वो दीक्षा ले नहीं पाता है। उसका कारण क्या है इसका उपाय क्या है?
समाधान
दीक्षा लेने का भाव नहीं बनता है- इसका मतलब ये है कि अभी आपके अन्दर up-downs (उतार-चढ़ाव) चल रहे हैं। स्थिरता का अभाव है, दृढ़ता का अभाव है। वैराग्य भाव को दृढ़ करो आपके अन्दर स्थिरता आयेगी और आगे का कार्य सार्थक होगा।
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