देसी गाय का दूध अन्य गायों के, भैंस के दूध से कैसे श्रेष्ठ है और मध्याह्न भोजन में बच्चों को अन्न की जगह दूध अनिवार्य रूप से दिया जाए तो क्या उचित होगा?
दूध के विषय में जो रिसर्च हुए हैं उनके अनुसार देसी गाय और आज की जितनी भी हाइब्रिड गायें है, इन गायों के दूध में बहुत अन्तर है। देसी गाय का दूध अनेक प्रकार के रसायनों और गुणों से भरा पड़ा है। देसी गाय में भी गिर गाय के विषय में ऐसा कहा जाता है कि गिर गाय के दूध और मूत्र में पर्याप्त मात्रा में स्वर्ण तत्त्व रहता है, सोना रहता है। गिर गाय का दूध यदि कोई पिए और उसका घी खाये, वह भी बिलोना का, तो उसको कोलेस्ट्रोल (cholesterol) कभी नहीं बढ़ेगा। क्रीम का घी नहीं, बिलोनावाला घी। गिर गाय का घी हो वह कभी भी आपका कोलेस्ट्रॉल नहीं बनने देगा, इस पर काफी रिसर्च हुए बल्कि जितने हाइब्रिड गायें (hybrid cows) हैं उसमे तो कहते हैं, सूअर का अंश है। वह दूध लेने लायक नहीं है।
मुख्य रूप से देसी गायों को बढ़ावा देना चाहिए, देसी गायों का दूध पीना चाहिए, उसको प्रोत्साहित करना चाहिए। यह हमारी मेधा शक्ति को बढ़ाता है, हमें पुष्टि देता है।
आपने कहा कि मध्याह्न भोजन में हम दूध को अनिवार्य कैसे बनाएँ? बिल्कुल! सरकारों को यह कहना चाहिए कि आप जैसे अंडे को प्रोत्साहित करते हैं, हालाँकि, कई प्रदेशों में अंडे पर प्रतिबंध है लेकिन अंडे को प्रोत्साहित न करके दूध के लिए प्रोत्साहित करें क्योंकि दूध अपने आप में एक सम्पूर्ण आहार है और इससे बच्चों को पोषक तत्त्व मिलेगा। ऐसा करने से गोधन सुरक्षित होंगे। हमें इसके लिए व्यापक पैमाने पर जन जागरूकता लाने की जरूरत है और देश के कर्णधारों का रुझान इस तरफ खींचने की आवश्यकता है।
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