सही निर्णय लेने की सीख गलतियों से लें!

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शंका

कहते हैं कि इंसान गलतियों का पुतला होता है और अगर वह गलती नहीं करता तो वह भगवान बन जाता है। अगर किसी इंसान से गलती हो जाए जिसके बाद दूसरे लोग उस पर भरोसा न करें तो उससे उसका self confidence (आत्मविश्वास) नहीं रहता, वह गिर जाता है। ऐसे में उस इंसान को क्या करना चाहिए और उसके लिए हमारा व्यवहार कैसा होना चाहिए।

समाधान

गलतियों से सीख लेनी चाहिए। अगर इंसान में क्षमता हो तो हर गलती से बहुत कुछ सीख ले कर उनको सुधार कर अपने जीवन को ऊँचा उठाने में समर्थ हो सकता है। गलतियाँ होना स्वभाविक है, जो गिरता नहीं वह चलना नहीं सीख सकता लेकिन-एक बार गिर पड़े तो दोबारा हम चल नहीं पाएँगे- ऐसा सोचना ठीक नहीं है। हम गिर कर के वापस चलें, फिर दौड़ाएं, ये प्रयास करना चाहिए। स्वयं के लिए, कोशिश करें कि हम गलती न करें पर यदि कदाचित गलती हो जाए तो उससे हताश न हों, सीख लें और यह तय करें कि जीवन में हम कभी गलती न करें। 

 एक युवक एक सफलतम व्यक्ति के पास गया और उससे पूछा कि “आपके जीवन की सफलता का रहस्य क्या है?” उन्होंने कहा- “सही निर्णय।” पूछा- “आपने सही निर्णय लेने की क्षमता कैसे पाई?” जवाब दिया – “अनुभव, अनुभव के बल पर मैंने सही निर्णय लेने की क्षमता पाई।” युवक ने तीसरा सवाल किया- “सही निर्णय लेने का अनुभव आपने कैसे पाया?” उन्होंने उत्तर दिया- “गलत निर्णय।” सामने वाला भौचक्का रह गया। ‘गलत निर्णय से सही निर्णय करने का अनुभव आपने कैसे पाया?’ उन्होंने कहा ‘मैंने अपने हर गलत निर्णय की समीक्षा की और तय कर लिया आगे ऐसा निर्णय नहीं लूँगा। नतीजन मैं सही निर्णय लेने में सक्षम हो गया।’ मनुष्य चाहे तो अपनी गलतियों से सीख सकता है। 

दूसरी बात, अगर कोई व्यक्ति एक बार गलती कर दे तो उसको दुत्कारें नहीं, पुचकारें। समझें, एक बार गलती हुई है, हम प्रेम से पुचकारेंगे तो वह फिर खड़ा हो सकता है। जैसे बच्चा एक बार गिर पड़ता है, वह बच्चा रोता है, तो माँ कहती है “बेटा रो मत, रो मत तेरे को थोड़े ही कुछ हुआ है। तू तो राजा बेटा है, यह तो घोड़ा कुंडा है, चींटी मर गई है, तेरे को कुछ नहीं हुआ।” यह प्रोत्साहन एक नन्हें से बच्चे को जब आप देते हैं उसका नतीजा यह होता है कि दस बार गिरने के बाद भी बच्चा दौड़ना शुरू कर देता है। पहली बार में अगर ये कह दिया जाए कि ‘बेटा तू तो गिर गया, तू तो चल ही नहीं पाएगा, चल ही नहीं पाएगा’ तो वह कभी नहीं सम्भल पाएगा। इसलिए गिरते को थामने की कोशिश करें, उसे संभालने की कोशिश करें, उसे आगे बढ़ाने की कोशिश करें; और गिराने की कोशिश न करें।

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