परीक्षा के विपरीत परिणामों में आत्मविश्वास को कैसे दृढ़ रखे?

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शंका

यदि परीक्षा में रैंक पिछड़ जाए, तो घबराहट के साथ आत्मविश्वास में भी कमी आ जाती है। आत्मविश्वास को हमेशा कैसे दृढ़ रखे?

समाधान

पहली बात तो यह है कि पढ़ाई करो, मन लगाकर करो, पर रैंक के लिए पढ़ाई मत करो, अध्ययन करने के लिए पढ़ाई करो। मैंने देखा है कि व्यावहारिक जीवन में रैंक होल्डर पिछड़ जाते हैं और पीछे वाले आगे आ जाते हैं। मेहनत करो, ईमानदारी से मेहनत करो, अपना शत-प्रतिशत अर्पित करो और पूरे आत्मविश्वास के साथ पेपर लिखो। इसके बाद भी यदि रैंक नहीं आती, तो ज़्यादा मत सोचो। मैंने पढ़ाई की, मैंने कोर्स कंप्लीट किया और मैं आगे बढ़ रहा हूँ, अच्छी बात है। रैंक में आने का प्रयास होना अलग बात है लेकिन केवल रैंक के पीछे लटक जाना, अच्छी बात नहीं है। इसलिए अगर रैंक में थोड़ा हेरफेर होता है, तो कोई फर्क नहीं पड़ता।

एक दिन एक लड़का बहुत खुश था, उसका रिजल्ट निकला था, ऐसा खुश उसे किसी ने नहीं देखा? एक ने पूछा ‘क्या आया रिजल्ट में?’ बोला ‘३३%’, ‘तुम ३३% लेकर इतने खुश क्यों? टॉपर के तो ९९% आये हैं, तुम इतने खुश क्यों हो रहे हो?’ बोला ‘मैं खुश इसलिए हूँ क्योंकि अगले साल हम दोनों एक ही क्लास में बैठेंगे। ९९% वाला भी वहीं बैठेगा, जहाँ ३३% वाला बैठेगा।’ इसलिए ज़्यादा टेंशन नहीं लेना चाहिए, इससे कॉन्फिडेंस कम होता है। सेल्फ कॉन्फिडेंस घट जाने से नकारात्मकता बढ़ जाती है, आगे की ग्रोथ रुक जाती हैं इसलिए रैंक लक्ष्य में मत रखो, जीवन को आगे बढ़ाओ। 

परीक्षा की जिंदगी में पिछड़ जाओ कोई परवाह नहीं, पर जिंदगी की परीक्षा में कभी मत पिछड़ना, हमेशा आगे रहना, जीवन कभी विफल नहीं होगा।

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