व्यापार और परिवार में बहुत टेंशन रहता है, कुछ मार्गदर्शन दें?
व्यापार में टेंशन कब आता है? व्यापार करने से टेंशन नहीं आता, व्यापार को ओढ़ लेने पर टेंशन आता है। व्यापार करना यानी व्यापार को व्यापार की तरह करना, अच्छी नीति से करना, योजनाबद्ध तरीके से करना, तो आपको व्यापार में कभी टेंशन नहीं होगा। लेकिन २४ घंटे व्यापार ही आपके जीवन का ध्येय बन जाए, तो सिवाय टेंशन के कुछ नहीं होगा।
व्यापारिक टेंशन से बचना है तो ४ टिप्स दे रहा हूँ। पहला तो over estimate (आँकलन से अधिक) काम मत करो। आज सब over estimate काम करते है, बैंक से फाइनेंस कराते हैं, बाजार से पैसा उठाते हैं, दस लाख की ताकत है एक करोड़ का धंधा करते हैं। धंधा चल गया तो ठीक, नहीं चला तो रात की नींद उड़ जाती है। मैंने बहुत सारे लोगों को देखा है, करोड़पति होने के बाद भी उनकी दशा एक मजदूर से खराब हो गई क्योंकि बैंक से रुपया उठा लिया, ब्याज का मीटर चल रहा है, व्यापार चल नहीं रहा, चल रहा है लेकिन ब्याज नहीं चुक पा रहा है।
दूसरा, overburden बिजनेस मत करो यानि ताकत से ज़्यादा व्यापार मत करो। जितना शरीर झेल सके उतना काम करो। १८ घंटा- २० घंटा व्यापार में लगे रहोगे, तो कोल्हू का बैल बन जाओगे, आदमी थोड़े ही कहलाओगे। लोग overburden काम करते हैं, एकदम धमाचौकड़ी-’यह भी कर लो, यह भी कर लो…’ और फिर कहीं के नहीं रहते।
तीसरी बात, व्यापार को एक लिमिटेड टाइम के लिए करें। आप फिक्स करें कि मेरे व्यापार के कार्य का समय कितना है? ८ घंटा, १० घंटा, २४ घंटा तो नहीं ना? मैं इसके लिए कहूँगा कि घर में व्यापार मत लाओ और व्यापार में घर मत लाओ। अपने ऑफिस में रहो, अपने प्रतिष्ठान में रहो तब तक व्यापार की बात करो, घर आ जाओ घर की बात, टेंशन खत्म। टेंशन तब होता है जब दुकान को घर में ले आते है या घर दुकान में आ जाता है।
ओवर एस्टीमेट, ओवरबर्डन, ओवरटाइम और चौथी बात Out of Line बिजनेस मत करिए इन चारों बातों को ध्यान में रखेंगे तो आपके व्यापार का सारा टेंशन खत्म हो जाएगा।
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