ममता और आस्था में क्या अन्तर है?
ममता का मतलब होता ममत्व, तो आस्था एक श्रद्धा की अभिव्यक्ति है। यद्यपि दोनों में एक प्रकार का जुड़ाव है। लेकिन श्रद्धा और ममता इन दोनों में बुनियादी अन्तर है। श्रद्धा किसी उच्च आदर्श के प्रति होती है, ममता किसी के प्रति भी हो सकती है।
जिसके प्रति जीवन में कुछ पवित्रता होती है, जिसे हम अपने जीवन का आदर्श मानते हैं, श्रध्दा होती हैI गुरु के प्रति, भगवान के प्रति, हमारे माता-पिता के प्रति भी हमारे मन में श्रद्धा होती। लेकिन ममता किसी के प्रति भी हो सकती है, अपनी सन्तान के प्रति भी हो सकती है, परिवार की प्रति भी हो सकती है, और चीजों के प्रति भी ममता हो सकती हैं।
जब हम किसी को अपने जीवन का आधार या आदर्श मानकर के स्वीकारते हैं, तो उस घड़ी हमारे अन्दर का प्रेम श्रद्धा के रूप में अभिव्यक्त होता है। जब हम किसी के प्रति जुड़ाव कर लेते हैं और उससे हम अपना लाभ लेते या हमारा उसके प्रति एक विशेष झुकाव बढ़ जाता है, तो ममता कहलाती है। ममता किसी पर भी हो सकती हैI श्रद्धा पूज्यों पर ही होती है।
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