मैं आचार्य श्री विद्यासागर सर्वोदय ज्ञान पाठशाला का विद्यार्थी हूँ I हमारी उम्र के बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ धर्म कैसे करें? उनकी दिनचर्या क्या होनी चाहिए?
तुम और तुम्हारे जैसे बच्चों को पढ़ाई पर पूरा ध्यान देना चाहिए I धर्म के सम्बन्ध में ज़्यादा कुछ न कर पाएँ तो सबसे पहला काम करें कि कोई भी अधर्म न करें I अधर्म करने से तात्पर्य कोई भी खोटी आदत अपने जीवन में हावी न होने दें I जिन चीजों को हमारे यहाँ त्याज्य बताया गया है, छोड़ने लायक बताया गया, उन चीजों का सेवन न करें, मद्य-मांस-मधु का सेवन कभी न करें I अनावश्यक रूप से टीवी न देखें, लिमिटेड देखें, कार्टून जैसे कार्यक्रमों को, चैनल्स को, ज़्यादा महत्त्व न देंI अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें I नित्य देव दर्शन करें I कम से कम णमोकार मन्त्र की एक माला फेरें I इतना भी नहीं कर सकते, तो सुबह उठते समय ९ बार णमोकार मन्त्र पढ़कर भगवान को याद करें I रात्रि में सोने से पहले ९ बार णमोकार मन्त्र का पाठ करें I कोई एक ही स्तुति पढ़ें, मेरी भावना हो भक्तामर स्तोत्र हो या अन्य कोई स्तुति, अपनी सुविधा अनुसार करें I बच्चो का धर्म यही है I
यदि आपके यहाँ पाठशाला की व्यवस्था है तो Saturday-Sunday को पाठशाला जरूर अटेंड करेंI तुम्हारे जैसे बच्चों के प्रारम्भिक स्तर का धर्म यही हैI और यदि नगर में कोई गुरु आए है, तो छुट्टी के दिन उनके दर्शन करने जरूर जाएंI उनके प्रवचन सुनने जरूर जाएं, और मौका मिल जाए तो आहार देने का लाभ उठाएँ I
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