समाजसेवा अहिंसा से कैसे करें?

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शंका

आचार्य श्री ने अपने आशीर्वचन में मुझको दो बातें कहीं- पहली कि ‘आप अपने जो भी विजिटिंग कार्ड बनाएँ उसमें भारत लिखें, इंडिया न लिखें’, जिसका हमने पालन करना शुरू कर दिया है। दूसरी बात उन्होंने कही कि ‘समाजसेवा अहिंसा से करना’ आप इसकी व्याख्या कर दें?

समाधान

समाज सेवा को अहिंसा के साथ करने का सीधा-सीधा अर्थ है कि समाज सेवा को नीति के साथ करना, राजनीति के अनुसार नहीं। समाज नीति में राजनीति का प्रवेश ये एक हिंसा है, इस प्रकार की हिंसा से सबको बचकर के चलना चाहिये, समाज को बचाकर के चलना चाहिये। हमारी समाज का ये दुर्भाग्य है कि आज समाज नीति में राजनीति घुसने लगी है। पहले लोग समाज की सेवा सामाजिक निष्ठा से प्रेरित होकर किया करते थे अब लोग अपनी राजनीतिक महत्त्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए समाज सेवा का काम करने लगे हैं। ये ठीक बात नहीं है, इससे हमारे सामाजिक संस्कार और सरोकार नष्ट हो रहें है। इसी का ये परिणाम है कि हमारे सामाजिक मूल्यों में दिनोंदिन अवमूल्यन हो रहा है। जो गुरुदेव का आपको मार्गदर्शन है, बहुत गहरा मार्गदर्शन है। वो बहुत कम बोलते हैं, उनकी बात बड़ी सूत्रात्मक होती है और उसके अर्थ को अगर समझ के आत्मसात कर लें तो जीवन बहुत आगे होगा। आपको समाज सेवा की रुचि रही है समाज सेवा का बहुत भार भी आपके कंधों पर है। मैं यही कहना चाहूँगा समाज नीति में राजनीति मत घुसने दो।

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