शंका
अगर हम कोई नियम धारण करते हैं और वह नियम टूट जाए तो उसका प्रायश्चित्त क्या है?
समाधान
यदि नियम टूट जाए तो उसका प्रायश्चित्त सार्वजनिक या माइक पर थोड़े ही दिया जाता है। गुरु के पास जाकर पूछो कि हमारा यह नियम था या यह नियम हमने लिया और इसमें दोष लगे हैं तो उसका प्रायश्चित्त दीजिए।
छोटे-मोटे नियमों के टूट जाने पर भगवान के सामने प्रार्थना करके और णमोकार की जाप आदि कर लेना चाहिए। बड़े नियम टूटने पर गुरुओं के पास जाना चाहिए।
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