शिक्षकों को सभी शुभकामनाएँ देते हैं पर आप अन्तस चेतना को जागृत करने वाले हैं, सही मायनों के सच्चे गुरु हैं, आपको शिक्षक दिवस पर त्रय बार नमोस्तु। मैं सिविल इंजीनियर हूँ, लोग आते हैं प्लान बनवाने अपने घर का तो उनकी अलग-अलग डिमांड होती है कि घर में इतना सेपरेट रूम होना चाहिए, बच्चों का रूम अलग होना चाहिये, पूजा रूम अलग होना चाहिए, बड़ों के लिए रूम अलग होना चाहिए पर अन्त में आकर रुक जाते हैं कि मेरा सपनों का घर होना चाहिये। सपनों के घर में क्या-क्या होना चाहिए?
मैं तो घर को ही सपना मानता हूँ, सपनों के घर की बात क्या करूँ? जब भी सपनों के घर की बात आती है, तो मुझे दो प्रकार का घर दिखाई पड़ता है। एक वो जिसे तुम ईंट-गारे से बनाते हो। जो तुम्हारे सपने जैसा हैं, तुम घर कैसे बनना चाहते हो, वह इंजीनियर आर्किटेक्ट से पूछो। लोक दृष्टि में जो बड़ा आरामदायक हो, आकर्षक डिजाइन हो, अच्छे फर्नीचर हो, सुख-सुविधाओं की सारी बातें जिसमें हो, एक अच्छा घर माना जाता है। पर मैं उस घर के बारे में कुछ नहीं कहूँगा क्योंकि उस घर के बारे में बताने वाले लोग बहुत हैं। मैं एक दूसरे घर की चर्चा जरूर करूँगा, अच्छा घर कौन सा है? अच्छा घर वह है जिसमें रहने वाले हर व्यक्तियों का परस्पर में प्रेम हो, हर कोई एक दूसरे को तहे दिल से चाहता हो, उसकी प्रशंसा करता हो, कहीं किसी के प्रति प्रतिस्पर्धा या ईर्ष्या का मनोभाव न हो, सब एक-दूसरे के पूरक और प्रेरक बनते हों, एक दूसरे को सहयोग देने के लिए पूरी तरह तत्पर रहते हों, मैं उसे एक अच्छे घर के रूप में देखता हूँ। यदि आप पूछते हो कि मेरे सपने का घर क्या हो तो मैं ऐसे ही घर के सपने देखा करता हूँ।
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