शंका
सत्ता और सम्पदा प्राप्त होने पर मित्रों से ज़्यादा शत्रुओं की फौज क्यों खड़ी हो जाती है?
समाधान
ये इस बात को बताती है कि सत्ता और सम्पदा व्यर्थ है, सत्य शाश्वत है। तुम्हारे पास कितनी ही सत्ता हो, कितनी ही सम्पदा हो उससे तुम्हारे शत्रु बढ़ सकते हैं, ईर्ष्यालु बढ़ सकते हैं। लेकिन यदि सत्य तुम्हारे जीवन में आएगा तो सारी दुनिया में पूजे जाओगे। इसलिए इनका अभिमान करने की जगह सत्य की आराधना करना चाहिए।
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