शंका
आजकल धर्म कार्य में, सामाजिक कार्य में, बहुत शिथिलताएँ आ गई हैं, इसका क्या कारण है? यह पंचम काल का प्रभाव है या साधुओं का अभाव है?
समाधान
बढ़ते हुए प्रमाद का प्रभाव और देश काल की परिस्थितियाँ। मनुष्य के जीवन शैली में बदलाव, स्वाध्याय की प्रवृत्ति का अभाव, सत्संग-समागम की कमी, ये सब समाज को गलत दिशा में भेजने में कारण है। यदि ये परिवर्तन किया जाए तो आज भी समाज बहुत आगे बढ़ सकता हैं।
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