शंका
मैं रेलवे में सेवारत हूँ। मैनेजमेंट का एक फंडा है, जो अक्सर पढ़ाया जाता है, बॉस इस ऑलवेज राइट (Boss is always right)! क्या यह अक्षरशः सत्य है? मेरी नजर में कभी-कभी बॉस ऑलवेज राइट नहीं होते हैं, उनके सबोर्डिनेट (subordinate: कनिष्ठ) भी कभी कभी सही होते हैं।
समाधान
मैं इसको ज़रा आध्यात्मिक रूप से बताता हूँ। हमारा बॉस कौन है? शरीर, मस्तिष्क… नहीं! हमारा बॉस है हमारी सोल (soul) , हमारी आत्मा! समझ गए, जो आत्मा है, वह सर्वोपरि है। इसलिए बॉस इस ऑलवेज राइट! आत्मा बॉस है, और आत्मा को हमेशा राइट रखोगे तो जीवन में राइट बने रहोगे।
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