शंका
चिन्तन और मनन में क्या अन्तर है?
समाधान
चिन्तन और मनन! देखा जाए तो सामान्य रूप से दोनों एक दूसरे के पर्यायवाची शब्द हैं, लेकिन किसी विषय पर विचार करना चिन्तन है और उस विचार में और अधिक गहरे उतर जाना, मनन है। चिन्तन में विचारों का प्रवाह लम्बा चलता है, मनन में एक ही विचार का मन्थन होता है। तो मनन मन्थन है, एक ही विचार को और घोंटना मनन है और विचारसरणी में बहते जाना चिंतन!
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