शंका
हमें अपने दैनिक जीवन में न चाहते हुए भी कितनी बार झूठ बोलना पड़ जाता है, तो इन सब असत्य बातों से हम कैसे बचें?
समाधान
यथा सम्भव सावधान रहो, प्रथम चरण में इतना तय कर लो कि बेवजह झूठ नहीं बोलेंगें। बिना मतलब के झूठ ज़्यादा बोला जाता है और मतलब के झूठ बोलने की बात बहुत दूर की है।
एक बार एक आदमी से पूछा- क्या तुमने झूठ बोलने की मशीन देखी है? वह बोला- हाँ! मेरे घर पर है। बिना मतलब झूठ बोलने की आदत पर अंकुश लगाने की जरूरत है। इसमें सावधानी रखें।
जो सप्रयोजन झूठ होता है, तो उसके लिए भी भगवान के पास जाकर अपनी निंदा करो, अपनी आलोचना करो और भगवान से कहो कि हे भगवान! मैंने झूठ बोला, यह मेरे द्वारा बहुत बड़ी गलती हुई। हमें ऐसी शक्ति दे और ऐसी सामर्थ्य दे कि मैं इसकी पुनरावृत्ति न करूँ।
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