शंका
हम किस प्रकार रहें कि हमारा कोई शत्रु न बने?
समाधान
शत्रु को भी मित्र बना लो तो कोई शत्रु नहीं बनेगा। एक शायर ने बहुत अच्छी बात कही
“करें हम दुश्मनी किस से, कोई दुश्मन नहीं अपना।
मोहब्बत ने नहीं छोड़ी जगह दिल में अदावत की”।
मैं किससे दुश्मनी करूँ जब कोई दुश्मन ही अपना न हो, प्रेम हमारे अन्दर हो तो बहुत अच्छी बात होती है। तुम चाहते हो कि सब हमारे मित्र हों। चार पंक्तियाँ सुना रहा हूँ
“जब अपना मन पवित्र होता है, जग के हर चेहरे पर अपना ही चित्र होता है,
दुनिया में कहीं भी क्यों न चले जाओ, जो भी मिलता है वह मित्र होता है।
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