मैंने केमेस्ट्री में पोलीमर साइंस में पी.एच.डी. किया है। मेरा प्रश्न ये है कि पोलीथिन-प्लास्टिक की वस्तुओं का जिनवाणी के कवर के लिए, फ्लेक्स आदि में मन्दिर जैसी शुद्ध जगह में प्लास्टिक का प्रयोग करना क्या उचित है जबकि ये पोलीथिन बार बार बहुत ही अशुद्ध तरीके से रीसाइकिल होकर हमारे पास पहुँचता है?
रीसाइक्लिंग वाले प्लास्टिक का मन्दिर में प्रयोग नहीं करना चाहिए पर मुख्यतः प्लास्टिक का जो उत्पादन है वो पेट्रोलियम के बाय प्रोडक्ट के रूप में होता है। वैसे प्लास्टिक को एकदम अशुद्ध कहना ठीक बात नही। रीसाइक्लिंग में जो होता है उसकी क्वालिटी अलग होती है, गुणवत्ता अलग होती है।
दूसरी दृष्टि से देखा जाए तो प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करना चाहिए क्योंकि वह प्रदूषणकारी चीज है। इसके वैकल्पिक साधनों का प्रयोग करना चाहिए, और यदि करते हैं तो शुद्ध प्लास्टिक का प्रयोग करना चाहिए। अशुद्धि की दृष्टि से हम प्लास्टिक को गलत नहीं कहेंगे लेकिन प्रदूषण की दृष्टि से प्लास्टिक के प्रयोग को प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए।
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