शंका
जैन धर्म के अतिरिक्त भारत के कई अन्य मन्दिरों में विराजमान मूर्तियाँ हमारे तीर्थंकरों की हैं। क्या उन्हें हम अपने धर्मानुसार नमस्कार दर्शन कर सकते हैं? क्या हमें उन प्रतिमाओं के दर्शन से वही पुण्य प्राप्त होगा जो हमें अपने मन्दिरों की प्रतिमाओं के दर्शन से होता है?
समाधान
यदि प्रतिमायें वीतराग अवस्था में है, तो उनकी पूजा-अर्चना से आपको लाभ मिलेगा।
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